जयपुर में उत्तरी रिंग रोड आगरा रोड से दिल्ली बाईपास होकर चौंप गांव तक बनेगी। रिंग रोड के लिए भूमि अर्जित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए कुल 388.35 हेक्टेयर भूमि अर्जित की जाएगी। अधिसूचना जारी करने का प्रपोजल एनएचएआई को भेज दिया गया है।
जयपुर शहर में लगातार बढ़ रहे ट्रैफिक की कंट्रोलिंग और आगरा, दिल्ली बाईपास को जोड़ते हुए वाहन चालकों को आने-जाने के लिए बढ़िया रिंग रोड देने की कवायद शुरू हो गई है। इस छह लेन हाईवे पर कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स भी बनाया जाएगा। इससे रोड से गुजरने वाले लोगों को कई सुविधा मिलेंगी और रोड की खूबसूरती भी बढ़ेगी।
इन तीन तहसील के 34 गांव होंगे प्रभावित
लगभग 45 किलोमीटर लंबी प्रस्तावित ‘उत्तरी रिंग रोड’ पर तीन हज़ार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। यह रिंग रोड आगरा रोड से दिल्ली बाईपास और अचरोल होकर चौंप गांव तक बनाई जाएगी। प्रोजेक्ट के लिए जमवारामगढ़, आमेर और जयपुर तहसील के 34 गांवों में भूमि अवाप्ति की जाएगी। जमवारामगढ़ तहसील के 14 गांव, आमेर तहसील के 14 गांव, जयपुर तहसील के 6 गांव इसमें शामिल हैं। कुल 388.35 हेक्टेयर भूमि अर्जित की जाएगी। इसके लिए धारा 3ए में नोटिफिकेशन का प्रस्ताव किया गया है। गजट नोटिफिकेशन जारी होने के बाद जमीन अवाप्ति को लेकर आपत्तियां और सुझाव मांगे जाएंगे।
आमेर तहसील में सबसे ज़्यादा 234.88 हेक्टेयर जमीन अवाप्त होगी
उत्तरी रिंग रोड प्रोजेक्ट में सबसे ज्यादा गांव आमेर तहसील के आएंगे। जहां 14 गांवों की 234.88 हेक्टेयर जमीन की अवाप्ति होगी। जमवारामगढ़ तहसील के 14 गांवों की 100.71 हेक्टेयर, जबकि जयपुर तहसील के छह गांवों की 52.75 हेक्टेयर जमीन अवाप्ति में आएगी।
अक्टूबर महीने तक जमीन पर कब्जा लेने का प्लान, मिलेगा मुआवजा
एनएचएआई से गजट निकलने के बाद जमीन अवाप्ति की धारा 3ए में स्थानीय स्तर पर विज्ञप्ति जारी की जाएगी। इसके बाद 21 दिन का समय देकर प्रभावितों से आपत्तियां और सुझाव मांगे जाएंगे। इनका निपटारा कर इसके बाद अवाप्ति का फाइनल आर्डर निकाला जाएगा। रिंग रोड प्रोजेक्ट के लिए अक्टूबर तक अवाप्तशुदा जमीन के बदले मुआवजा देकर कब्जा लेने की प्लानिंग है। प्रभावित ज़मीन के खातेदारों-काश्तकारों को डीएलसी रेट पर मुआवजा दिया जाएगा। जमीन पर बने मकान, दुकान, कुआं, बोरवेल, हैंडपंप, पेड़ों, किसी यूनिट वगैरह का असेसमेंट कर उसका भी मुआवजा दिया जाएगा।