राजधानी के परकोटा की तर्ज पर जयपुर विकास प्राधिकरण आगरा रोड के दक्षिण में रिंग रोड के दोनों (Development of New Heritage City in Jaipur) तरह ‘न्यू हेरिटेज सिटी’ विकसित करने जा रहा है. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने हेरिटेज सिटी के विशेष लोगो, पट्टे के प्रारूप, आवेदन पत्र, हेरिटेज रुप में तैयार पत्रावली का विमोचन किया.
JDA will develop new heritage city in Jaipur
जयपुर. राजधानी के परकोटा की तर्ज पर जयपुर विकास प्राधिकरण आगरा रोड के दक्षिण में रिंग रोड के दोनों तरह ‘न्यू हेरिटेज सिटी’ विकसित करने जा रहा है. जयपुर मास्टर विकास योजना 2025 में इस विशिष्ट योजना का क्षेत्रफल 13 वर्ग किमी प्रस्तावित है. जिसमें से आंशिक क्षेत्र इकोलॉजिकल और रिंग रोड के अन्तर्गत है. ऐसे में अब योजना को दो ब्लॉक में बनाया जाएगा. जिसमें एक 3.63 वर्ग किलोमीटर का जबकि दूसरा 2.57 वर्ग किलोमीटर का होगा. शनिवार को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने हेरिटेज सिटी के विशेष लोगो, पट्टे के प्रारूप, आवेदन पत्र, हेरिटेज रुप में तैयार पत्रावली का विमोचन किया.
न्यू हेरिटेज सिटी का विकास जयपुर विकास प्राधिकरण और निजी विकासकर्ताओं की ओर से जयपुर शैली के एलिमेंट्स और (JDA will develop new heritage city in Jaipur) नगर नियोजन पद्धति का समावेश करते हुए किया जाएगा. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने बताया है कि योजना में न्यूनतम एक प्रोजेक्ट जेडीए और न्यूनतम एक प्रोजेक्ट निजी विकासकर्ता की ओर से क्रियान्वित किया जाएगा. इस योजना में सभी प्रकार की आधारभूत सुविधाओं और जन सेवाओं से संबंधित संरचनाओं का प्रावधान रखते हुए एकल (जेडीए) और संयुक्त रूप (विकासकर्ता) से विकसित की जाएगी. इस योजना को मिश्रित भू-उपयोग को आधार मानकर मूर्त रूप दिया जाएगा.
पढ़ें. परकोटे में कर सकेंगे भवन निर्माण, एक छत के नीचे मिल जाएगी सारी जानकारी
धारीवाल ने बताया कि धरातल पर पिंकसिटी, जयपुर का प्रतिरूप बनाने के परिपेक्ष्य में इस योजना में नौ चौकड़ी, नौ दरवाजे, चौड़ी सड़के, चौकड़ी पार्क के साथ आवासीय, वाणिज्यिक, संस्थागत, मिश्रित भू-उपयोग नियोजित रूप में विकसित किए जाएंगे. जिससे जयपुर की विशिष्टता को आधुनिक परिपेक्ष्य में विकसित किया जा सके.
योजना में ये रहेगा खास
योजना का प्रस्तावित क्षेत्रफल | 6.20 वर्ग कि.मी. |
ब्लॉक-ए | 3.63 वर्ग किमी |
ब्लॉक-बी | 2.57 वर्ग किमी |
लोकेशन | आगरा रोड के दक्षिण में रिंग रोड के दोनों तरफ |
परकोटा नगर (वॉल सिटी) से दूरी | लगभग 9 किमी |
भू-उपयोग | मिश्रित |
मुख्य सड़कें | 18 मीटर से 30 मीटर चौड़ी |
भवनों का आमुख (facade) रंग | गेरुआं (हिरमिची) रंग |
चौकड़ी | नौ चौकड़ी |
चौपड़ | नौ चौपड़ |
मुख्य दरवाजे | नौ दरवाजे |
बरामदा | 4 मीटर चौड़े बरामदे |
मिश्रित भूखण्ड | 30 मीटर रोड के सहारे |
संस्थानिक भूखण्ड | 18 |
वाणिज्यिक भूखण्ड | 27 (30 मी सड़कों पर) |
पार्किंग स्थल | 72 |
बायो डायवर्सिटी पार्क (सिटी लेवल) | लगभग 12 हेक्टेयर |
हरित क्षेत्र | ढूंढ नदी के सहारे |
चौकड़ी पार्क | 18 (प्रत्येक चौकड़ी में दो पार्क) |
अन्य मानदण्डों का विवरण | हेरिटेज सिटी योजना के भवन विनियमों के अनुसार |
योजना के मानदण्ड
योजना का न्यूनतम क्षेत्रफल | 5 हेक्टेयर |
विक्रय योग्य क्षेत्रफल | 60 प्रतिशत तक |
उद्यान | योजना के कुल क्षेत्रफल का न्यूनतम 5 प्रतिशत |
सुविधा क्षेत्र | योजना के कुल क्षेत्रफल का न्यूनतम 10 प्रतिशत |
पब्लिक फैसिलिटी | 7 प्रतिशत |
पब्लिक यूटिलिटी | 3 प्रतिशत |
फुटपाथ | योजना अनुसार |
चौक (कोर्टयार्ड) | भूखण्ड क्षेत्रफल का न्यूनतम 10 प्रतिशत या फिर 20 वर्गमी जो भी ज्यादा हो (200 वर्गमी से 750 वर्गमी तक के भूखण्डों के लिए) |
पढ़ें. यूनेस्को की टीम जयपुर आई तो प्रशासन को याद आए परकोटे के स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट
सैटबेक – योजना में 30 मीटर चौड़ी मुख्य सड़कों पर व्यावसायिक/मिश्रित भू-उपयोग के भूखण्डों में आगे और साईड सैटबेक शून्य रखे जाएंगे. जबकि पीछे स्थित सड़क की तरफ का सैटबेक भवन विनियम के अनुसार रखना होगा. भूखण्ड के प्रथम तल पर बरामदे के बाद न्यूनतम 3 मीटर के टेरेस का प्रावधान रखा जाना होगा.
योजना की अन्य आंतरिक सड़कों (30 मीटर से कम चौड़ी) के आगे, पीछे और साईड सैटबेक का निर्धारण अलग से किया जाएगा. 200 मीटर से लेकर 750 वर्गमी तक क्षेत्रफल के भूखण्डों में कोर्टयार्ड का प्रावधान रखे जाने के दृष्टिगत दोनों साईड सैटबेक शून्य रखे जाएंगे. साथ ही अधिकतम ऊंचाई 15 मीटर होगी.
योजना की मुख्य सड़कों (30 मीटर चौड़ी) के भूखण्डों की भवन निर्माण सामग्री और एलिवेशन, हेरिटेज सिटी के लिए जारी की जाने वाली Building Construction Material, Facade control guideline के अनुसार रखे जाएंगे.
योजना की क्रियान्विति: यूडीएच मंत्री ने बताया कि हेरिटेज सिटी की योजनाओं और भूखण्डों के लिए अलग से पत्रावली हैरिटेज लुक में तैयार की गई है. इस योजना के लिए अलग से 90-ए का प्रारूप तैयार किया गया है. योजना के लिए अलग से पट्टे का प्रारूप तैयार किया गया है. मुख्य सड़कों का डिमार्केशन प्राथमिकता के आधार पर जेडीए की ओर से किया जाएगा. इसके बाद मुख्य सड़कों का निर्माण कराया जाएगा. मुख्य सड़कों के सहारे प्रस्तावित दुकानों और बरामदों का निर्माण टाईप डिजाईन के अनुसार किया जाएगा. सभी नौ चौपड़ और नौ मुख्य द्वारों का निर्माण भी टाईप डिजाईन के अनुसार ही किया जाएगा.
पढ़ें. New Heritage City : जयपुर में एक और हेरिटेज सिटी बसाने की योजना…ये खासियतें जीतेंगी सबका दिल
उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी सोसाइटी ने यहां पर पूर्व में पट्टे काटे हुए हैं तो उन्हें भी नियमों को फॉलो करना होगा. वहीं हिरमिच रंग बनाने को लेकर उन्होंने कहा कि किसी किसी मकान में कुछ रंग बदल जाता है. अभी भी काफी जगह ये रंग बरकरार है. इसी को नई हेरिटेज सिटी में भी लागू किया जाएगा नई हेरिटेज सिटी बनने के बाद यहां की चौकड़ी और चौपड़ का नामकरण भी कर दिया जाएगा.
शांति धारीवाल ने कहा कि निजी विकासकर्ता PIONEER project के तहत एक चौपड़, एक मुख्य सड़क और एक मुख्य द्वार का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा. हेरिटेज सिटी योजना के भवन विनियम, भूखण्डों के लिए टाईप डिजाइन और हेरिटेज एलिमेंट्स जयपुर शैली में हेरिटेज विशेषज्ञों/वास्तुविदों की ओर से तैयार किया जा रहा है. वहीं मुख्य सड़कों के सहारे स्ट्रीट फर्नीचर हेरिटेज शैली में बनाए जाएंगे. मुख्य सड़कों पर एक ही तरह के वृक्ष विशेषज्ञों की ओर से सुझाए अनुसार सुन्दरता और एकरूपता बनाने के लिए लगाए जाएंगे.
बता दें कि इस योजना में जयपुर विकास प्राधिकरण की लगभग 30 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है. जिस पर जेडीए प्राथमिकता से योजना की क्रियांविति करेगा. वहीं जेडीए इस योजना से लगती हुई 12 हेक्टेयर भूमि जो कि पहाड़ी के आकार की है, वहां पर पर्यावरण की दृष्टि से सिटी लेवल पार्क (बॉयो-डायवर्सिटी पार्क) विकसित करेगा.