दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस हाइवे को जोड़ने वाले 67 किलोमीटर लम्बे जयपुर-बांदीकुई चार लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण में बगराना के आसपास स्थित 265 मकान वे दुकानें आड़े आ रहे थे. बुधवार को जिला प्रशासन के सहयोग से इन ढांचों को स्थानीय लोगों की सहमति से तोड़ दिया गया.
जयपुर: जयपुर से दिल्ली की राह अब और आसान होगी. यह सफर अब महज तीन घंटे में पूरा होगा. जयपुर जिला प्रशासन की समझाइश के बाद बगराना के लोगों का विरोध सहमति में तब्दील हो गया और सहमति के बाद बगराना से 265 मकान दुकान और अन्य निर्माण हटा दिए गए. अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस हाइवे को जोड़ने वाले 67 किलोमीटर लम्बे जयपुर-बांदीकुई चार लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए जयपुर के बगराना गांव में अवाप्त भूमि पर निर्मित 265 दुकानों, मकानों एवं अन्य निर्माण को हटाने का कार्य पूरा हो गया है. प्रभावितों को मुआवजा भी दे दिया गया है.
जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि एक्सप्रेस हाइवे प्रोजेक्ट और दक्षिणी रिंग रोड के लिए आगरा रोड पर बगराना के पास दोनों तरफ क्लोवर लीफ का कार्य किया जाना था. इसके लिए कुल 265 संरचनाओं को हटाया जाना था और 14 करोड़ 54 लाख 86 हजार 622 रुपए का मुआवजा अवार्ड जारी किया गया था. क्लोवर लीफ के रैंप 3 एवं 4 का कार्य इसी साल अप्रैल-मई में शुरू कर दिया गया था. इसके बाद रैंप 1 एवं 2 का कार्य शुरू करवाया जाना था.
जिला कलक्टर राजपुरोहित ने बताया कि रैंप 1 एवं 2 व लूप 1 एवं 2 के निर्माण के लिए पाल कॉलोनी, लक्ष्मी मार्केट, चित्रकूट कॉलोनी, बीआर नगर, पंचवटी कॉलोनी आदि क्षेत्र में 220 रहवासी निर्माण को हटाया जाना था. जिसके लिए संबंधित हित पक्षकारों को मुआवजा वितरित किया गया. गत 14 जुलाई को अतिरिक्त जिला कलक्टर (तृतीय) राजकुमार कस्वां, उपखण्ड अधिकारी जयपुर-प्रथम राजेश जाखड़, तहसीदार पुष्पेन्द्र सिंह एवं पटवारी हजारी सिंह नरूका ने मौके पर जाकर प्रभावितों से वार्ता एवं समझाइश की. साथ ही मुआवजा वितरण की भी संपूर्ण जानकारी दी गई तथा उन्हें अवगत करवाया गया कि 19 जुलाई को निर्माण हटाने का कार्य शुरू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि 19 जुलाई को मौके पर एनएचएआई को निर्माण सुपुर्द किए गए और एनएचएआई द्वारा मकान व दुकान हटाने की कार्रवाई शुरू की गई. 19 से 22 जुलाई तक सभी निर्माण संरचनाएं एनएचएआई को सुपुर्द कर दी गई हैं. 19 जुलाई से ही एनएचएआई की ओर से निर्माण एवं मलबे को हटाने की कार्रवाई जारी है, जिससे क्लोवर लीफ का कार्य निर्धारित समय पर पूरा किया जा सकेगा. इस पूरी कार्रवाई के दौरान जिला प्रशासन की टीम तथा पुलिस उप आयुक्त कावेन्द्र सागर मय पुलिस टीम मौके पर मौजूद रहे.
विरोध सहमति में हुआ तब्दील: जिला कलेक्टर ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर संपूर्ण कार्रवाई के दौरान मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों ने हित पक्षकारों को समझाया गया. आमजन द्वारा किसी तरह का कोई प्रतिरोध नहीं किया गया और निर्माण हटाने की कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से पूरी की गई.
सितम्बर तक क्लोअर लीफ का काम होगा पूरा: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीक्षण अभियंता पुष्पेन्द्र सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन के सहयोग एवं प्रभावितों की सहमति के बाद प्राधिकरण का प्रयास रहेगा कि आगामी सितंबर, 2024 तक क्लोवर लीफ एवं रैंप का कार्य पूर्ण कर लिया जाए. वहीं, प्रभावित बजरंग लाल ने बताया कि जिला प्रशासन की समझाइश के बाद सभी प्रभावितों ने सहमति से अपने ढांचे हटाए. जिला प्रशासन की ओर से संरचना का मुआवजा भी जारी किया गया है.
यूं आसान होगी राह: बांदीकुई चार लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे का लगभग 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है. एक हजार 368 करोड़ की लागत से बनने वाले 67 किमी. लम्बे लिंक एक्सप्रेस वे का काम सितम्बर 2024 तक पूरा होगा. करीब 56 किलोमीटर लेन का डामरीकरण का कार्य पूरा हो चुका है. एक्सप्रेस वे के बनने से दिल्ली-जयपुर के बीच का सफर तीन घंटे का हो जाएगा.