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गुलाबी नगर में न्यू हैरिटेज सिटी…परकोटे सा वैभव, गेरुआ रंग में दिखेगी – patrika

न्यू हैरिटेज सिटी के पहले चरण में जेडीए ने आगरा रोड पर काम शुरू कर दिया है। पुराने शहर की तर्ज पर इसे विकसित किया जा रहा है। 9 गेट बनेंगे, पार्किंग की भी प्रॉपर व्यवस्था होगी।

जयपुर। आगरा रोड पर न्यू हैरिटेज सिटी विकसित करने का काम जेडीए ने शुरू कर दिया है। इसके तहत सडक़ों के काम चल रहे हैं। साथ ही गेट संख्या नौ भी आकर ले चुका है। खास बात यह है कि परकोटा की तर्ज पर इसे विकसित किया जा रहा है। आगरा रोड स्थित दक्षिणी रिंग रोड के दोनों ओर जेडीए इस योजना को विकसित कर रहा है। इस योजना का कुल क्षेत्रफल 7.21 वर्ग किमी है। इस क्षेत्रफल में करीब 150 योजना सृजित होने का अनुमान है।

पहले चरण में सडक़ निर्माण के लिए करीब 3.33 करोड़ रुपए का कार्यादेश दिया गया है। इसमें से 1.80 करोड़ रुपए सडक़ों पर खर्च हो चुके हैं। वहीं, हैरिटेज गेट निर्माण के लिए 1.43 करोड़ रुपए में से 23 लाख रुपए जेडीए खर्च कर चुका है। इस गेट की ऊंचाई 16 मीटर है।

जेडीए अधिकारियों की मानें तो सैम्पल के रूप में यह काम शुरू किया गया है। आचार संहिता हटने के बाद नए कार्यादेश जारी कर निर्माण कार्य में तेजी आएगी।

सैम्पल के तौर पर ये काम हुए

सडक़ की चौड़ाई लम्बाई

36 मीटर 300 मीटर

18 मीटर 200 मीटर

12 मीटर। 600 मीटर

ये काम हैं प्रस्तावित

-योजना में प्रमुख और छोटी सडक़ों के चौराहों पर नौ चौपड़ और नौ गेट प्रस्तावित हैं।

-18 संस्थागत और 27 व्यावसायिक भूखंड प्रस्तावित किए गए हैं।

-बेहतर यातायात प्रबंधन के लिए योजना में 72 पार्किंग स्थल चिन्हित किए गए हैं।

-दो बड़े पार्क, इनमें से एक ढूंढ़ नदी के किनारे और दूसरा पहाड़ी पर जैव विविधता पार्क विकसित किया जाना है। इसके अलावा 18 मध्यम पार्क प्रस्तावित हैं।

रिंग रोड के दोनों ओर है दो ब्लॉक

ब्लॉक-ए – 3.63 वर्ग कि.मी.

ब्लॉक-बी – 2.57 वर्ग कि.मी

ये भी जानें

-30 मीटर सडक़ के सहारे मिश्रिम भूखंडों के सामने चार मीटर चौड़े बरामदे प्रस्तावित हैं योजना में

-60 प्रतिशत तक जमीन का बेचान किया जा सकेगा। शेष 40 फीसदी पर सुविधाएं होंगी विकसित

-सात फीसदी पब्लिक फैसेलिटी और तीन प्रतिशत पब्लिक यूटीलिटी और फुटपाथ बनेंगे योजना के अनुसार

-मुख्य सडक़ों के सहारे स्ट्रीट फर्नीचर हैरिटेज लुक में बनाया जाएगा

-निजी विकासकार्ता और खातेदार मिलकर कम से काम पांच हेक्टयेर में योजना ला सकेंगे।